आरोपों के लपेटे में चैनल
मनीषा यादव जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, नेताओं के आपसी आरोप-प्रत्यारोप भी तीखे और व्यक्तिगत होने लगे हैं. न्यूज मीडिया हमेशा से ऐसे आरोप-प्रत्यारोपों का मंच और अखाड़ा बनता रहा है. लेकिन इस...
View Articleपत्रकारिता का ‘जनपक्ष-विपक्ष’
मनीषा यादव न्यूज चैनल ‘आज तक’ के एंकर-पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के बीच ‘ऑफ द रिकॉर्ड’ बातचीत का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर न्यूज मीडिया और...
View Articleमोदी या प्रचारतंत्र की जीत?
2014 के आम चुनावों में नरेंद्र मोदी और भाजपा/एनडीए कई रिकॉर्ड बनाते हुए जीत गए हैं. हालांकि मोदी की इस जीत के पीछे कई कारक और कारण हैं. लेकिन इस जीत में मोदी की सुनियोजित तरीके से गढ़ी हुई ‘लार्जर दैन...
View Articleकेजरीवाल बनाम चैनल
मनीषा यादव आप पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और न्यूज चैनलों/मीडिया के बीच जंग दिन पर दिन तीखी और तेज होती जा रही है. कभी खुली और कभी छिपी इस जंग के ताजा राउंड का गोला केजरीवाल ने दागा है. नागपुर में...
View Articleहिंदी मीडिया का ‘अंग्रेजी लाओ’ आंदोलन…
….. …. अगर कोई आंदोलन यानी धरना-प्रदर्शन-भूख हड़ताल दिल्ली में हो, उसमें हजारों युवा शामिल हों, उसमें शामिल होने के लिए सांसद-विधायक-नेता-लेखक-बुद्धिजीवी पहुंच रहे हों और आंदोलन के मुद्दे से देशभर में...
View Articleचैनलों का ‘ओमेर्ता कोड’
मनीषा यादव वैसे तो न्यूज चैनल हर छोटी-बड़ी घटना और मुद्दे को रिपोर्ट करने, उसे ‘खींचने और तानने’ और उसपर ‘बड़ी/महाबहस’ करने को तैयार रहते हैं लेकिन उनके लिए एक विषय/मुद्दा अभी भी ‘टैबू’ बना हुआ है जिसपर...
View Articleगाजा संकट से उपजे सवाल
मनीषा यादव गाजा पट्टी में एक बार फिर निर्दोष नागरिकों का खून बह रहा है. हर दिन मरनेवालों की तादाद बढ़ती ही जा रही है. जुलाई के दूसरे सप्ताह से फलीस्तीनी इलाकों पर जारी अंधाधुंध इजरायली हवाई हमलों में...
View Articleअसहमति का अधिकार
मीडिया वेबसाइट ‘न्यूजलॉन्ड्री’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदी न्यूज चैनल इंडिया टीवी ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपने पूर्व संपादकीय निदेशक कमर वहीद नकवी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. चैनल का...
View Articleकूटनीति बड़ी कि तमाशा !
यह किसी से छुपा नहीं है कि हमारे न्यूज चैनल तब तक अंतर्राष्ट्रीय खबरों और वैदेशिक मामलों की कवरेज से परहेज करते हैं, जब तक कि कोई बहुत बड़ी घटना (जैसे युद्ध जिसमें अमेरिका शामिल हो या जैसा आतंकवादी...
View Articleदूरदर्शन: एक स्वप्न भंग की दास्तां
निजी चैनलों के सार्वजनिक हित और उससे जुड़ी प्राथमिकताओं को नजरंदाज़ करने और मनोरंजन के नाम पर सस्ते-फूहड़-फिल्मी मनोरंजन को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति भी किसी से छुपी नहीं है. वे लोगों के वास्तविक मुद्दों...
View Articleब्रेकिंग न्यूज : ऑपरेशन ओसामा
अमेरिका की ‘राष्ट्रीय उपलब्धि’ पर हमारे चैनलों का उन्मादी राष्ट्रवाद भी जोर मार रहा है न्यूज चैनलों का ब्रेकिंग न्यूज प्रेम जगजाहिर है. इस प्रेम का आलम यह है कि चैनलों पर हर दस मिनट (कई चैनलों पर हर...
View Articleगुड़ खाकर गुलगुले से परहेज
आईपीएल में मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी के खुलासे के बाद से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और आईपीएल टीम- चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक एन श्रीनिवासन मीडिया से बहुत नाराज हैं. उन्हें...
View Articleघुसपैठ का नुकसान
भारतीय जनता पार्टी का मीडिया खासकर न्यूज चैनलों से और न्यूज चैनलों का भाजपा से प्यार किसी से छिपा नहीं है. यह स्वाभाविक भी है क्योंकि भाजपा के कई नेताओं की ‘लोकप्रियता’ और उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में...
View Articleचैनल और आपदा
उत्तराखंड की तबाही ने देश को हिला दिया है. ऐसी बड़ी प्राकृतिक आपदाएं सबके लिए परीक्षा की घड़ी होती हैं. मीडिया भी अपवाद नहीं है. ऐसे समय में जब भारी तबाही हुई हो और लाखों लोगों की जान दांव पर लगी हो,...
View Articleनकली शोर
पांच राज्यों (चैनलों के लिए चार राज्यों) के विधानसभा चुनावों की गहमागहमी तेज हो गई है. चैनल भी मैदान में कूद पड़े हैं. इसका असर न्यूज चैनलों पर भी दिखाई पड़ने लगा है. विधानसभा के साथ-साथ अगले आम चुनावों...
View Articleतेजपाल से आगे
इस बार यह स्तंभ बहुत तकलीफ और मुश्किल से लिख पा रहा हूं. कारण, तहलका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल खुद अपनी ही एक महिला सहकर्मी पत्रकार के बलात्कार के गंभीर आरोपों से घिरे हैं. तहलका के संपादकीय नेतृत्व...
View Articleचैनलों का इतिहासबोध
इलस्ट्रेशन: मनीषा यादव ‘यह प्रतीत होता है कि समाचारपत्र एक साइकिल दुर्घटना और एक सभ्यता के ध्वंस में फर्क करने में अक्षम होते हैं’ जार्ज बर्नार्ड शॉ का यह तंज चौबीस घंटे के न्यूज चैनलों पर कुछ ज्यादा...
View Articleमीडिया और ‘आप’
मनीषा यादव आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेता अरविंद केजरीवाल इन दिनों न्यूज मीडिया से खासे नाराज और खिन्न-से दिख रहे हैं. उन्हें लगता है कि न्यूज चैनल और अखबार पूर्वाग्रह और एक एजेंडे के तहत उनकी सरकार...
View Articleनीडो प्रकरण के निहितार्थ
देश की राजधानी में पूर्वोत्तर के लोगों के साथ होने वाला नस्ली भेदभाव एक ऐसा बर्बर और कड़वा सच है जिसे जानते सब हैं, लेकिन सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करने के लिए कम ही तैयार होते हैं. चाहे पुलिस-प्रशासन हो...
View Article‘कांग्रेस ने छात्रसंघों का अपराधीकरण किया’
छात्र राजनीति के लगभग खात्मे की कोई एक वजह नहीं है. ऐसी बड़ी सामाजिक-राजनीतिक परिघटना के अनेक कारण होते हैं. 70 के दशक के बाद बदलाव का बड़ा बिंदु है आपातकाल. उस दौरान दो चीजें हुईं. एक तो आपातकाल के...
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